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तेरी ही यादें
मेरे दिल में जो बाते है
शायद वो तेरी ही तो यादें हैं
तूने तो हर बार बुलाया मुझे
नहीं आ पाई रोक रखे कुछ तो नाते हैं
नज़र तेरी तो मेरी तरफ ही थी
मैंने ही पलके झुकाली कुछ तो वादे हैं
मजबूरी रही होंगी हर आशिक की
तभी तो ज्यादा किस्से बेवफाई के हैं
मेरे तेरे बीच में जो नाते हैं
शायद वो तेरी ही तो यादें हैं।।
Rinkal Sejpal (Ahmedabad)
One thought on “तेरी ही यादें”
Osam